Sunday, June 12, 2011

बाबा-अन्ना : कितने दूर, कितने पास

अन्ना हजारे और बाबा रामदेव दोनों ही भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे हैं लेकिन दोनों के बीच की दूरियां बढ़ती दिख रही हैं। बाबा रामदेव का अनशन तुड़वाने के लिए कई नेताओं नेअपील की और सरकार पर भी दबाव बनाने की कोशिश की। लेकिन अन्ना टीम के लोगों ने न तो बाबा से अनशन तोड़ने की अपील की न ही सरकार पर दबाव बनाया। 

अन्ना जब जंतर मंतर पर अनशन पर बैठे तो उससे पहले वह बाबा के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का ऐलान कर चुके थे। अन्ना के मंच पर बाबा भी पहुंचे और अन्ना टीम के लोगकहते भी रहे कि उन्हें रामदेव का पूरा समर्थन हासिल है। जैसे ही अन्ना का अनशन खत्म हुआ और लोकपाल बिल ड्राफ्ट कमिटी का ऐलान हुआ बाबा और अन्ना में दरार नजर आनेलगी। बाबा ने कमिटी में शामिल सदस्यों पर सवाल उठा डाले हालांकि बाद में इसकी सफाई दे दी। अनशन शुरू करने से कुछ दिन पहले बाबा ने फिर एक बयान दिया किलोकपाल के दायरे में पीएम को नहीं आना चाहिए जबकि अन्ना टीम इसकी मांग कर रही थी। इसके बाद अन्ना टीम ने कहा कि वह बाबा को समझा लेगी। सूत्रों ने बताया कि इससेभी बाबा खासे नाराज हुए कि क्या वह बच्चे हैं जो उन्हें समझा लिया जाएगा। मीडिया में ऐसा कहने की क्या जरूरत थी। हालांकि फिर बाबा ने अपने बयान पर सफाई दे डाली। 

जून से बाबा का अनशन शुरू हुआ लेकिन इसके एक दिन पहले तक यह तय नहीं हुआ था कि अन्ना वहां आएंगे या नहीं। बाबा ने कहा कि अन्ना जून को आएंगे लेकिन इससे पहलेकि वह आते रामलीला मैदान से बाबा को खदेड़ दिया गया। अगर उन्हें हटाया नहीं भी गया होता तो अन्ना वहां नहीं जाते। वजह यह कि जून की सुबह ही बाबा के मंच पर साध्वीऋतंभरा पहुंच गईं और भड़काऊ भाषण भी दे दिया। इससे फिर अन्ना टीम खफा हो गई और मीडिया में भी अपनी नाराजगी जाहिर कर डाली। बाबा और बाबा समर्थकों पर जबपुलिसिया कार्रवाई हुई तो अन्ना टीम ने इसका विरोध किया और अन्ना एक दिन के अनशन पर भी बैठे। दूसरी तरफ बाबा ने पतंजलि योगपीठ में अपना अनशन जारी रखा लेकिनअन्ना टीम ने बाबा के अनशन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। 

बाबा का अनशन तुड़वाने को लेकर भी अन्ना टीम सक्रिय नहीं दिखी। जब हमने अन्ना टीम से इस बारे में बात की तो उनकी तरफ से आरटीआई ऐक्टिविस्ट मनीष सिसौदिया ने कहाकि हम सब चाहते है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ माहौल बने। अन्ना भी बार बार यही कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि अन्ना गांव में थे और वहीं से उन्होंने बाबा से अनशन तोड़ने की अपीलकी थी। स्वामी अग्निवेश ने कहा कि हमें भी समझ नहीं आ रहा था कि बाबा अब किन मुद्दों पर अनशन कर रहे हैं और उनका स्टैंड क्या है। उनकी तरफ से भी किसी ने हमसे संपर्कनहीं किया। शुक्रवार शाम जब मैं प्रणव मुखर्जी से मिला तो हमने बाबा के बिगड़ते स्वास्थ्य पर चिंता जताई। प्रणव मुखर्जी ने भी मुझसे पूछा कि जब सरकार ने काले धन पर बाबा कीमांग मान ली है तो अनशन क्यों हो रहा है। स्वामी अग्निवेश ने कहा कि हमें भी पता नहीं था कि अनशन क्यों हो रहा है तो हम सरकार पर क्या दबाव बनाते। 

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